पौध डालने के लिए सिंचाई सुविधा से युक्त भारी मृदा होनी चाहियें।
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पौध डालने के लिए सिंचाई सुविधा से युक्त भारी मृदा होनी चाहियें।
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यह निगम निर्माण कार्यों के लिए भारी मृदा संचालन उपस्करों जैसे कि एक्सकेवेटरों / लोडरों/डोजर/डम्परों तथा बैचिंग संयंत्रों, कंक्रीट पम्पों, कम्प्रेसरों जैसे अन्य निर्माण उपस्करों से सुसज्जित है।
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सन् 1774 में के. डब्ल्यू शीले ने पाइरोल्यूसाइट खनिज की जाँच करते समय एक नई मृदा मालूम की, जिसे टी.ओ. वर्गमैन (Bergman) ने भारी मृदा (Terra Ponderosa) कहा।
6.
ईस्टर द्वीप (Easter Island) ने हाल की शताब्दियों में भारी मृदा अपरदन (soil erosion)का सामना किया है, जो खेती और वनों की कटाई का परिणाम है.जारेद डायमंड (Jared Diamond)अपनी पुस्तक कोलाप्स (Collapse)में प्राचीन ईस्टर द्वीप वासियों के पतन के बारे में बताते हैं.
7.
आलू की फसल में अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 7-10 सिंचाइयों की आवश्यकता पड़ती है, भारी मृदा में बुवाई के 10-12 दिन बाद अंकुरण से पहले पहली सिंचाई करनी चाहिए, आलू में दूसरी सिंचाई बुवाई के 20-22 दिन बाद तथा तीसरी सिंचाई टापड्रेसिंग एवं मिटटी चढाने के तुरंत बाद कन्द बनने की प्रारम्भिक अवस्था में करें, अंतिम सिचाई खुदाई के लगभग 10 दिन पहले बंद कर देना चाहिए I